Sunday 3 April 2016

कुम्भ में साधुओं के रंग


सिंहस्थ 2016 के लिए साधु-संतों का जमावड़ा
मध्यप्रदेश के उज्जैन में होने लगा है। साधुओं के
अलग-अलग रूप लोगों को लुभा रहे हैं लेकिन एक
संत ऐसे भी हैं जो सबके आकर्षण का केंद्र बने
हुए हैं। गोल्डन बाबा के नाम से पहचाने जाने
वाले ये संत 11 किलो सोने के आभूषण पहनते हैं।
सिंहस्थ में पहली बार ये कैंप लगा रहे हैं।
करोड़ों का बिजनेस छोड़ा, बने संत
कभी दिल्ली में गारमेंट्स के बड़े व्यापारी रहे
गोल्डन बाबा का असली नाम सुधीर कुमार है।
गारमेंट्स के बिजनेस का सालाना टर्न ओवर
करोड़ों का था लेकिन इससे मन ऊब गया, फिर
2012 में इलाहबाद में दीक्षा लेकर सन्यासी हो
गए। सोना पहनने का शौक नया नहीं था,
1970 से सोने के गहने शरीर पर लदे रहते थे।
सन्यास के बाद भी सोने के गहने साथ ही रहे।
सन्यास से पहले लोग इन्हें गोल्डन बाबा के
नाम से पुकारते थे, सन्यास के बाद भी ये नाम
ही चुना अब उनका नाम गोल्डनपुरी बाबा है।
दो गार्ड रहते हैं हरदम साथ
गोल्डन बाबा के साथ सुरक्षा के लिए दो
बॉडीगार्ड हमेशा साथ रहते हैं। एक तिजोरी
साथ चलती है जहां बाबा जाते हैं। रात को
सोते समय गहने उतारे जाते हैं, सुबह नित्यकर्म
और पूजापाठ के बाद फिर पहनते हैं। बाबा जहां
भी जाते हैं गार्ड्स साये की तरह उनके साथ
रहते हैं। उज्जैन सिंहस्थ में जूना अखाड़े से
जुड़कर कैंप लगा रहे हैं जिसमें पूरे महीने भक्ति के
कार्यक्रम और भंडारा होगा।
गले में 21 लॉकेट और मालाएं
गोल्डन बाबा के गले में सोने के 21 लॉकेट और
मालाएं हैं, जो बरबस ही सबका ध्यान खिंचती
हैं। लक्ष्मी, दुर्गा, शिव, विष्णु से लेकर शरीर के
सप्त च्रकों के लॉकेट भी गले में है। दोनों हाथों
में बड़े-बड़े कड़े हैं जो पौराणिक काल के पात्रों
की याद दिलाते हैं।

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