Thursday 14 April 2016

अम्बेडकर बनाम मनुवाद---सिद्धांत एवं ब्यवहार


अम्बेडकर हिन्दू समाज को जाति विहीन बनाना चाहते थे। नही बना पाये । उन्ही के समाज ने उनकी एक नही सुनी। बेचारे अपने एक मात्र मिशन में हार गये तो अपना मत ही बदल दिया। दलितों को उनके भाग्यपर छोड़कर बौद्ध हो गये। सभी दलित अम्बेडकर की जगह मनु की शरण में ही रहना उचित समझा। आज भी वे जय भीम तो बोलते हैं पर व्यवहार में वे मनु को ही अपनाते हैं। अम्बेडकर को तो उन्होने नारों मे, तस्बीरों में, बुतो में जकड़ रखा है पर मनु उनके जीन्स में समागये हैं। दलित आपस में ही जाति- पाँति मिटाकर एक होना नही चाहते हैं। चमार धोबी के साथ, मेहतर डोम के साथ, डोम दुसाध के साथ सम्बन्ध जोड़ने को तैयार है क्या? बैकवर्डों का भी यही हाल है। यादव बिन्द के साथ, गड़ेर कुरमी, कुम्हार, गोंड आदि के साथ या बैकवर्डों की कोई भी बिरादरी अन्तरजातीय विवाह करने को तैयार है क्या? मनु सहस्सों वर्षों से लोगों के संस्कार बन कर जीवित हैं और जीवित रहेंगे। ऐसे करोड़ों अम्बेडकर उन्हे नही मिटा पायेंगे और हिन्दूधर्म छोड़कर भागते रहेंगे। पर हाँ मनु कर्मणा वर्ण के पक्ष में थे। अस्पृश्यता के विरुद्ध थे। पूरे समाज को विराट पुरुष का शरीर मानते थे और समाज के सुचारुरूप से संचालन के लिये एकात्मता और समता में विषमता की व्यवस्था की थी। ब्राह्मण और शूद्र का निर्धारण का आधार जन्म नही कर्म था,- गुण कर्म विभागशः। एक उदाहरण पर्याप्त होगा,-
   शूद्रो ब्राह्मणतामेति ब्राह्मणश्चैति शूद्रताम्।
   क्षत्रियाज्जतमेवं तु विद्याद्वैश्यात्तथैव च।।
                        मनु स्मृ.१०/६५.
अर्थात्,श्रेष्ठ अश्रेष्ठ कर्मानुसार शूद्र ब्राह्मण और ब्राह्मण शूद्र हो जाता है। यहीं नियम क्षत्रिय और वैश्यों पर भी लागू होता है। पर जिनके हाथ में शास्त्र और लेखनी थी उन्होने अपने पक्ष में बड़ी बेइमानियाँ की। अब इतने सुन्दर नियम के साथ एक श्लोक जोड़ दिया कि ब्राह्मण पतित होते होते सात जन्म में शूद्र होगा और शूद्र उठते उठते सात जन्म में ब्राह्मण होगा।  इस तरह समाज में नगण्य प्रतिशत रखने वाले लोगों की बेइमानियों ने गंगा की तरह पावन और लोक हितकारी मनुस्मृति को प्रदूषित करके रखदिया। इन्हीलोगों ने यदि भगवान् श्री राम के चरित में शम्बूकवध की कथा नही जोड़ी होती तो भगवान श्री राम दलितों के लिये सबसे बड़े मसीहा होते। ये ही समाज में नगण्य प्रतिशत वाले लोग आज भी सुधरने को तैयार नही हैं और हिन्दूसमाज की दुर्दशा के लिये एकमात्र जिम्मेवार हैं।

2 comments:

  1. अंबेडकरने ब्रामन स्री से विवाह किया था क्या यह कम गौरव की बात है.

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  2. अंबेडकरने ब्रामन स्री से विवाह किया था क्या यह कम गौरव की बात है.

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