Thursday 12 November 2015

भारतीय राष्ट्रवाद का सच

हम ब्रिटेन के गुलाम थे।कभी ब्रिटिश हमारे शासक थे। स्वतंत्र होने के बाद भी हमने ब्रिटेन के सामने कभी आंख मिलाकर बात नही की।भारत के किसी प्रधानमंत्री ने ब्रिटिश धरती पर 60,000 लोगों की रैली करने का साहस नहीं जुटाया।ब्रिटिश संसद में भारत के प्रधानमंत्री के भाषण का पूरे संसद ने खडे होकर कभी सम्मान नही किया।ब्रिटिशों ने कभी भारत को अपने साथ खडे होने का अवसर अपनी धरती पर नहीं दिया।यद्यपि ब्रिटिश अर्थब्यवस्था को मजबूत करने में भारतीयों की ही भूमिका है।राजमहल ने कभी भारतीय प्रधानमंत्री को अपेक्षित सम्मान आज तक नहीं दिया।सुरक्षापरिषद में भारत को समर्थन देने की खुलेआम घोषणा ब्रिटिशों ने कभी नहीं की।अरबों पौंड के निवेश की घोषणा ब्रिटेन ने कभी नही की।ब्रिटेन ने भारत का लोहा कभी नही माना।आज नरेन्द्र मोदी ने वह सब करके दिखा दिया जिसकी अपेक्षा भारतीय करते रहे।भारत ने अपने पूर्व अधिपति से समान स्तर पर सम्मान पाया।भारत की शक्ति को ब्रिटेन ने स्वीकार कर लिया।हम आज भारतीय प्रधानमंत्री पर गर्व कर सकते हैं।मोदी ने दुनिया में तिरंगे का मान बढाया।भले ही हम अपने प्रधानमंत्री को घर में जितना चाहे गाली दें,लेकिन दुनिया भारत का लोहा मानने लगी है यह सच है।मोदी इसके सूत्रधार हैं।

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