Wednesday 13 January 2016

इस्लाम के प्रति कट्टरता।

इस्लाम के अनुयायियों की एक खासियत तो माननी ही होगी। इनका धैर्य असीम है। ऐसा धैर्य अटूट विश्वास से पैदा होता है। अन्य धर्मावलम्बी जहाँ अपने विश्वासों में वैज्ञानिकता ढूँढ़ते रहते हैं, वहीँ वैज्ञानिकता-अवैज्ञानिकता की परवाह किये बिना इस्लाम के अनुयायी अपने विश्वासों पर अटल हैं। कोई कुछ भी कहता रहे, पर इन्हें विश्वास है कि जीत इन्हीं की होगी क्योंकि अल्लाह ने खुद फ़रमाया है: अल्लाह पर ईमान न लाने वाले शैतान की पार्टी के हैं (क़ुरआन 58:19) और वह हारने के लिए अभिशप्त हैं, वहीँ अल्लाह और मुहम्मद पर ईमान लाने वाले अल्लाह की पार्टी के हैं और जीत उन्हीं की होगी (क़ुरआन 58:22)। अल्लाह के इस सुस्पष्ट सन्देश पर पूर्ण विश्वास रखने के कारण मुसलमान कभी हार नहीं मानते, और पूरी दुनिया में इस्लाम का झंडा फहराने के अल्लाह के फरमान (क़ुरआन 9:29) के अनुपालन में प्राणपण से लगे रहते हैं।
इस विश्वास का ही परिणाम है कि यह पूरी दुनिया पर दावा ठोंकते हैं, और अपना दावा कभी नहीं छोड़ते। युद्ध में कब्जे पर कब्ज़े होते रहते हैं, और इस्लाम ने एक बार जहाँ कब्ज़ा कर लिया, उस पर इनका दावा अनन्त काल तक बना रहता है; इस बात का कोई मतलब नहीं रह जाता कि उनके कब्ज़े से पहले वहाँ कौन रहता था या बाद में वहाँ किसी और का कब्ज़ा हो गया। अपनी इस विशेषता के कारण यह आज भी न तो भारत-भूमि पर अपना दावा छोड़ने के लिए तैयार हैं, और न ही कुस्तुंतुनिया (Constantinople) सहित शेष योरप पर। यहाँ यह तथ्य ध्यान देने योग्य है कि कुस्तुंतुनिया पर कब्ज़े की पहली कोशिश ईसवी सन 674 में हुई थी, और अनेक लड़ाइयों के बाद कब्ज़ा सन 1453 में। जो क़ौम अपने विश्वास के बल पर इतनी लम्बी लड़ाई लड़ने का धैर्य रखती हो, उससे कोई कैसे लड़ेगा? ऐसी क़ौम को B52 बमवर्षकों और अन्य उच्च तकनीक वाले हथियारों से नहीं हराया जा सकता; तकनीक उन्हें केवल एक अस्थायी विजय का आभास दिला सकती है। इस्लाम अथवा इस्लामी आतंकवाद पर निर्णायक विजय तभी प्राप्त होगी, जब इस्लाम का अंतिम अनुयायी समाप्त हो जायेगा। इस्लाम अपने विश्वास के सहारे अन्त तक लड़ने के लिए तैयार है, जबकि तकनीक से लड़ने वाले अस्थायी विजय के बाद मैदान छोड़ देते हैं। इस्लाम और इस्लामी आतंकवाद से लड़ने के लिए उनके टक्कर का ही विश्वास चाहिए। क्या किसी में है ऐसा अटूट विश्वास?

No comments:

Post a Comment