Tuesday, 8 December 2015

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कांग्रेस 420 माँ बेटे का भांडा फूटा !

खोजी बीजेपी नेता सुब्रमनियम स्वामी वैसे तो कई बार कांग्रेस खेमे में हलचल मचा चुके हैं लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी में भूचाल देखने को मिल रहा है जिसमें सोनिया गाँधी को कहना पड़ा कि ‘वे इंदिरा गाँधी की बहू हैं और कोई उन्हें डरा नहीं सकता’। इस मामले में दूसरे सबसे बड़े आरोपी राहुल गाँधी ने कहा है कि वे इसका जबाब संसद में देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार कांग्रेस पार्टी से राजनीतिक बदला ले रही है। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि आखिर कोर्ट को सुब्रमनियम स्वामी की बात में दम दिखा होगा तभी तो उन्होंने इंदिरा गाँधी की बहू और उनके नाती को कोर्ट में पेश होने की हिम्मत दिखाई। कुछ लोग कह रहे हैं कि इस बार सुब्रमनियम स्वामी ने सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी को ‘सही पकडे हैं’, लेकिन आइये हम आपको बताते हैं कि स्वामी ने इन लोगों को कैसे पकड़ा है।
पढ़ें पूरी कहानी सुब्रमनियम स्वामी की जुबानी
फ्लैशबैक (आजादी से लेकर 2008 तक)। नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र आजादी के समय से चल रहा था। इस समाचार पत्र की मालिक कंपनी का नाम था एसोसिएटेड जर्नल प्राइवेट लिमिटेड (AJPL)। 2008 में इस कंपनी के चेयरमैन थे कांग्रेस कोषाध्यक्ष मोतीलाल बोरा। आजादी के समय से ही यह समाचार पत्र चल रहा था और आजादी के समय से ही इसे फ्री जमीन, सस्ते लोन और अन्य सुविधाएँ मिल रही थीं। धीरे धीरे इस कंपनी के पास 2000 से 5000 करोड़ रूपए की संपत्ति जमा हो गयी जिसमे ऑफिस, बिल्डिंग, प्रिंटिंग प्रेस और अन्य संपत्तियां शामिल थीं।
इस कंपनी ने सस्ते लोन, सस्ती जमीन और संस्ती सुविधाएँ तो समाचार पत्र चलाने के नाम पर ली थीं लेकिन कंपनी ने गैरकानूनी काम करते हुए आवंटित जमीन पर कई शहरों में बड़ी बड़ी इमारतें, मॉल, पासपोर्ट ऑफिस, टूरिस्ट ऑफिस बना लिए। इस तरह से कंपनी के पास 2000 करोड़ से 5000 करोड़ रुपये तक की संपत्ति जमा हो गयी। 2008 में कंपनी ने घाटा दिखाकर कांग्रेस पार्टी से 90 करोड़ का लोन लिया। ध्यान दीजिये, लोन लेने समय लोन लेने वाली कंपनी (AJPL) के चेयरमैन थे मोतीलाल बोरा और लोन देने वाली वाली कंपनी यानी कांग्रेस पार्टी के भी कोषाध्यक्ष थे मोतीलाल बोरा। लोन लेते ही नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र बंद कर दिया गया और कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया।
2008 के बाद
सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी ने एक यंग इंडियन नाम की कंपनी बनायीं। उसमे 76 फीसदी शेयर माँ बेटे के नाम था। यानी 38 फ़ीसदी शेयर सोनिया गाँधी के और 38 फ़ीसदी शेयर राहुल गाँधी के। इस कंपनी का भी डायरेक्टर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडीस को बना दिया गया। बचे हुए 24 फ़ीसदी शेयर में 12 फ़ीसदी शेयर मोतीलाल बोरा के नाम कर दिया गया और 12 फ़ीसदी शेयर
आस्कर फर्नांडीस के नाम कर दिया गया। यंग इंडियन कंपनी सिर्फ पांच लाख का खर्च दिखाकर खोली गयी थी। ध्यान देने वाली बात यह है मोतीलाल बोरा कांग्रेस के कोषाध्यक्ष भी थे, AJPL के चेयरमैन भी थे और यंग इंडियन के डायरेक्टर भी बना दिए गए। यानी ये महाशय तीन तीन रोल निभा रहे थे।
ध्यान दीजिये, 2008 में नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र बंद हो चुका था। पांच हजार करोड़ की संपत्ति बेमानी बड़ी हुई थी और समाचार पत्र की मालिक कंपनी
AJPL के चेयरमैन थे कांग्रेस कोषाध्यक मोतीलाल बोरा। कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड को 90 करोड़ का लोन दिया था। लोन वापस लेना था लेकिन लोन वापस नहीं लिया गया। सोनिया गाँधी के कहने पर यंग इंडियन कंपनी के डायरेक्टर
मोतीलाल बोरा ने कांग्रेस कोषाध्यक्ष यानी खुद को 50 लाख रुपये का लालच दिया और उनसे कहा कि 90 करोड़ रुपये का लोन आपने AJPL को दिए थे, आपका लोन तो वापस मिलेगा नहीं क्यूंकि कंपनी दिवालिया हो गयी है इसलिए 50 लाख लेकर मामला रफा दफा करो और 90 करोड़ रुपये हम किसी तरह से ले लेंगे इसे आप यंग इंडियन के नाम कर दो। (खुद से कहने का मतलब है कागजी दस्तावेजों में)।
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ रुपये का कर्जा दिया था। इनकम टैक्स के नियम के अनुसार राजनीतिक पार्टियाँ बिजनेस के लिए लोन नहीं दे सकती क्यूंकि राजनीतिक पार्टियों को इनकम टैक्स में लाभ मिलता है। इन्हें इनकम टैक्स से जो भी सुविधा और लाभ मिलता है वह राजनीतिक काम करने के लिए है, देश में चुनाव लड़ने के लिए है। फिर भी कांग्रेस ने कर्जा दिया क्यूंकि उस समय 2008 में देश में कांग्रेस की सरकार थी।
यह भी ध्यान देने वाली बात है कि नेशनल हेराल्ड बैंक का कर्जा वापस करने के लिए अपनी कोई छोटी मोटी प्रॉपर्टी बेच सकता था और 90 करोड़ रुपये जुटा सकता था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया और कांग्रेस पार्टी से 90 करोड़ का लोन लिया। क्यूंकि दोनों ही कंपनी के मुखिया मोतीलाल बोरा थे। उधर AJPL के चेयरमैन थे तो इधर कांग्रेस के कोषाध्यक्ष। सुब्रमनियम स्वामी ने यह भी बताया कि उनकी नीयत पहले से खराब थी इसलिए कांग्रेस से 90 करोड़ का लोन लेते ही कंपनी बंद कर दी गयी।
इसके बाद कांग्रेस ने 90 करोड़ रुपये का लोन यंग इंडियन के नाम कर दिया जिसके डायरेक्टर मोतीलाल बोरा थे, उसके बाद मोतीलाल बोरा AJPL के चेयरमैन और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर मोतीलाल बोरा (यानी खुद) के पास गए और उनसे कहा कि आपकी कंपनी बंद हो चुकी है इसलिए आप हमें लोन के बजाय 9 करोड़ शेयर (10 रुपये का एक शेयर यानी 90 करोड़ के) दे दीजिये।
सुब्रमनियम स्वामी ने बताया कि इन्होने इस तरह से AJPL के 99.1 फ़ीसदी शेयर यंग इंडियन के नाम करा लिए और पांच हजार करोड़ की संपत्ति यंग इंडियन के नाम हो गयी जिसके मालिक हैं सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी। मालिक इसलिए क्यूंकि दोनों के नाम 76 फ़ीसदी शेयर हैं और बाकी दोनों डायरेक्टर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडीस के नाम 12, 12 फ़ीसदी शेयर हैं।
सुब्रमनियम स्वामी ने बताया कि जो जमीन और प्रॉपर्टी नेशनल हेराल्ड ‘AJPL’ ने समाचार पत्र चलाने के लिए ली थी उसी प्रॉपर्टी को यंग इंडियन ने किराये पर दे दिया। बहादुर शाह जफ़र मार्ग पर बनी शानदार ईमारत को मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स और मल्टी नेशनल कंपनी को किराये पर दे दिया।
सुब्रमनियम स्वामी ने बताया कि सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी ने इस मामले में चार सौ बीसी और विश्वासघात किया है इसलिए मैंने सभी जानकारियां इकठ्ठी की और इनके खिलाफ केस दायर कर दिया।
उन्होंने बताया कि पिछले साल मैंने ये केस डाला हुआ था और कोर्ट इसकी सुनवाई के लिए 1 दिन लेता है लेकिन इस सुनवाई को रोकने के लिए इनके 10 सीनियर वकील लगे हैं और दिन भर कोर्ट में इसके लिए घंटों बोलते रहते हैं। इसलिए धीरे धीरे इस मामले में 1 साल पूरे हो गए लेकिन अब अंत समय आ गया है और इस केस को हम जीतेंगे। इसके बाद ट्रायल शुरू होगा और मै इन्हें वहां भी नहीं छोडूंगा।यह स्वामी जी ने बताया है।मै यह जानकारी आप तक पहुँचा रहा हूं।
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